एक बार फिर डॉक्टर सुमिता सोफत ने अपने तजुर्बे से ये साबित कर दिया है की वह भारत की सबसे बेहतरीन आईवीएफ स्पेशलिस्ट में से एक हैं। हिमाचल प्रदेश के सोहन लाल जिनकी शादी को २२ साल हो गए थे तथा संतान प्रापति से वंचित थे। वे संतान प्रापति की आस से लुधियाना डॉक्टर सुमिता से मिले तथा इकसी विधि के द्वारा उनका इलाज होना निश्चित हुआ।
सोहन लाल पिछले साल डॉक्टर सुमिता सोफत हॉस्पिटल में इलाज के लिए अपनी पत्नी के साथ आये। पूरणतः तौर पर हर चिकित्सिक विधि का अनुगमन करने के बाद ४ महीने बाद इकसी विधि के द्वारा गर्भधारण करवाया गया तथा इसका परिणाम आपके सामने है।
क्या है इकसी विधि?
आईवीएफ के दौरान एक इंट्रासाइटोप्लाज्मिक शुक्राणु इंजेक्शन किया जाता है। इस प्रक्रिया को आमतौर पर उन जोड़ों के लिए निष्पादित किया जाता है जो पुरुष कारक और पहले आईवीएफ में विफल रहने के कारण बांझपन का अनुभव कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें वीडियो :
इकसी विधि प्रक्रिया :
यह विधि टेस्ट तुबे विधि से भी एडवांस्ड है । भ्रूण को बहार तैयार करने के बाद महिला की बच्चेदानी में रखा जाता है। गर्भधारण की संभावना को बढ़ने के लिए लेजर से भ्रूण की परत पतली कर दी जाती है। अच्छे नतीजे के लिए जरुरी है की डॉक्टर अनुभवी तथा अच्छी तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।