बाँझपन एक ऐसी अवस्था है जिसमें एक विवाहित जोड़ा संतान प्रापति नहीं कर पता है। है। भारत में करीबन 275 लाख विवाहित दंपती बाँझपन से झूझ रहे हैं। भारत में हम बाँझपन को हमेशा इस्त्री से ही सम्बंधित करते हैं किन्तु ऐसा नहीं है एक विवाहित जोड़े में 50 प्रतिशत संयोग यह भी रहता है की पुरुष के करके बच्चा न हो रहा हो। चाहे कोई भी बाँझपन का कारण हो इसके इलाज के लिए हमेशा एक विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
बाँझपन के इलाज के लिए हमेशा से ही आईवीएफ प्रक्रिया का बहुत नाम है। आईये जानते हैं आईवीएफ के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सामान्य प्रश्नो को :
आईवीएफ क्या है?
आईवीएफ एक प्रजनन तकनीक है जिसे बाँझपन की इलाज के तोर पे अपनाया जाता है जिनका मुख्य कारण पुरुषों में हल्के शुक्राणु असामान्यताएं, और महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब या ओव्यूलेशन अनियमितता होते हैं।
इस प्रक्रिया में महिला के अंडों को शल्य चिकित्सा द्वारा प्रपात किया जाता है तथा उसे पुरुष के शुक्राणुओं के साथ मिश्रण करके विकसित होने के लिए छोड़ दिया जाता है तथा भ्रूण को दो से पांच दिनों के बाद महिला के गर्भ में वापस स्थानांतरित कर दिया जाता है।
इस प्रक्रिया के बारे में और जानकारी के लिए देखें इस विडिओ को:
महिलाओं में बांझपन के लक्षण
– अनियमित पीरियड्स
– सेक्स के दौरान दर्द
– हार्मोनस में उतार-चढ़ाव
अधिक जानकारी के लिए देखें वीडियो जिसमे डॉक्टर सुमिता सोफट बता रही हैं महिलाओं में बांझपन के लक्षण :
मर्दों में नपुंसकता के लक्षण और कारण
– यौन सम्बन्ध के समय समस्याएं
– अंडकोष क्षेत्र में दर्द, सूजन या एक गांठ
– आवर्तक श्वसन संक्रमण
– सूंघने में असमर्थता
– असामान्य स्तन वृद्धि
टेस्ट ट्यूब बेबी
टेस्ट ट्यूब बेबी को महिला के शरीर से बाहर वैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। यह सब आईवीएफ प्रक्रिया के द्वारा ही मुमकिन है जिसमे अण्डों को माँ के अंडाशय से लिया जाता है और पिता से शुक्राणुओं द्वारा निषेचित किया जाता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें सुमिता सोफत द्वारा ये वीडियो: